ज्योतिष (astrology) विज्ञान से अधिक “ पराविज्ञान ” है " सिद्धांत संहिता होरा रूपस्कन्धस्त्रयात्कम " ज्योतिष ( ज्योति + ईश = ज्योतिष ) विज्ञान से बढ़कर पराविज्ञान है , कैसै ? आईये मैं बताता हूँ – सभी जानते हैं की ज्योतिष ग्रह - नक्षत्रों की विद्या है। ईसके तीन स्तम्भ ( भाग ) हैं , प्रथम भाग सिद्धांत जिसे ज्योतिषीय गणना कहा जा सकता है। दूसरा भाग संहिता जिस के सिद्धांत समझकर विद्वान पृथ्वी पर घटने वाली किसी भी भौगोलिक तथा राष्ट्रीय ( किसी भी देश या विश्व में घटने वाली राजनैतिक ) भविष्यवाणीयां कर सकता है। तीसरा और महत्वपूर्ण भाग “ होरा ” है , जिसका विद्वान किसी व्यक्ति के जन्मकालिक ग्रहों की स्थिति ( जन्मकुण्डली ) को देखकर भविष्यवाणी ( फलादेश ) करता है। जन्मकुण्डली का फलादेश करने वाला विद्वान किसी भी व्यक्ति की कुण्डली देखकर उसके भूत - भविष्य और वर्तमान तीनो काल की घटित तथा घटने वाली घटनाओं का विवरण बता सकता है। केवल इतना ही नहीं इस के गहन अध्ययन व अभ्...